शायद ही किसी ने यह कल्पना की हो की शौच विषय लेकर एक फिल्म का निर्माण किया जाए, पर क्या यह विषय आम दर्शको को रास भी आयेंगा, आइए जानते हैं |
फिल्म : 'टॉयलेट: एक प्रेमकथा'
श्रेणी : सोशल ड्रामा
निर्देशक : श्री नारायण सिंह
निर्माता : अरुणा भाटिया, शीतल भाटिया
कास्ट : अक्षय कुमार, भूमि पेडनेकर, अनुपम खेर, सना खान
संगीत : विकी प्रसाद, मानस-शिखर
स्टार : 4 /5
कहानी की बात करते हैं गांव में रहने वाले केशव( अक्षय कुमार) और जया( भूमि पेडनेकर )की है। कहानी की शुरुआत केशव से होती है जो मांगलिक है। इसी वजह से उसकी शादी पहले भैंस से कराई जाती है यहीं उसकी मुलाकात जया से होती है। पहली की नजर में केशव को जया के प्यार हो जाता है और दोनों की लव स्टोरी आगे बढ़ती है। शादी के बाद जब जया, केशव के घर आती है तो उसे पता चलता है कि उसके घर में शौचालय का प्रबंध नहीं है। उसके क्या पुरे गांव में किसी के घर में नहीं है साड़ी औरतें तड़के सुबह शौच के लिए जाती हैं | पर जया को तो खुले में आदत ही नहीं है, ऐसे में केशव अपनी पत्नी को कभी दूसरों के घर, तो कभी ट्रेन में लेकर जाता है। पर एक दिन जया टॉयलेट की वजह से घर छोड़ देती है और कहती है कि वो तभी वापस आएगी जब घर में टॉयलेट होगा। दूसरी तरफ केशव के पिता घर में शौच के एक दम खिलाफ है यहाँ तक गांव की महिलाएं और प्रधान भी गांव में शौचालय नहीं की बात करते हैं | बस फिर क्या केशव और शौचालय में जंग, जीत किसकी उसके लिए आपको फिल्म देखनी होंगी |
बात करते हैं निर्देशन की कमाल का निर्देशन कहानी गांव की तो लोकेशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया और रियल लोकेशन फिल्म में नज़र आएं, कही से भी फिल्म मुद्दे से नहीं भटकी हसी के साथ एक सोशल मेसेज भी दर्शाने में कोई कसार नहीं छोड़ी |
अभिनय की बात करते हैं अक्षय ने फिर एक बार कमाल कर दिया, भूमी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी खूब साथ दिया अक्षय का, कहानी के असली हीरो तो यही हैं वैसे अन्य कलाकार देवेंदू शर्मा, अनुपम खेर, सुधीर पांडे और अतुल श्रीवास्तव ने भी बढ़िया परफॉरमेंस नज़र आया हैं |
संगीत की बात करते हैं 'हसमत पगली प्यार हो जाएगा' और 'करले टॉयलेट का जुगाड़' पहले से ही हिट हो चुके हैं | बैकग्राउंड म्यूजिक भी अच्छा हैं |
इस फिल्म को देख अब कुंडली तो मिलाएंगे ही साथ यह भी जरूर पूछा जाएगा की घर में शौच है या नहीं |
पुष्कर ओझा